खोए हुए मगध में एक घायल आवाज़: आशुतोष दुबे
श्रीकांत वर्मा की कविताओं ने इधर समकालीन अर्थवत्ता प्राप्त की है. शासक और सत्ता की आंतरिक विडम्बनाओं को जिस तीखे ...
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श्रीकांत वर्मा की कविताओं ने इधर समकालीन अर्थवत्ता प्राप्त की है. शासक और सत्ता की आंतरिक विडम्बनाओं को जिस तीखे ...
आशुतोष दुबे की कविताओं में शिल्प का सौष्ठव और कहन की बारीकी देखते बनती है. उनका पाँचवाँ कविता संग्रह ‘सिर्फ़ ...
कवि अपनी कविताओं या कविता के विषय में क्या सोचते हैं ? इस रचनात्मक जिज्ञासा के साथ समालोचन यह स्तम्भ ...
आज विश्व रंगमंच दिवस है, यह प्रतिवर्ष २७ मार्च को मनाया जाता है, इस दिन एक अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संदेश भी ...
‘विदा लेना बाक़ी रहे’ आशुतोष दुबे का चौथा कविता संग्रह है जो इस वर्ष प्रकाशित हुआ है. उनकी कुछ कविताओं ...
‘प्रेम के असम्भव गल्प में’ कवि आशुतोष दुबे का लिखा गद्य है, उनकी कविताओं की ही तरह भाषा के सौन्दर्य ...
रंग–पर्व पर आशुतोष दुबे की इन कविताओं में ऋतु के करवट लेने की आहट है, हर रंग का अपना निहितार्थ ...
आशुतोष दुबे की कविताओं में वर्तमान नैतिक संकट की पहचान है, उससे टकराने की एक शालीन सी कोशिश भी है. ...
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