प्रकाश मनु : सदाशय पारदर्शिता: गिरधर राठी
देखते-देखते प्रकाश मनु तिहत्तर वर्ष के हो गए. उनकी छवि साहित्य के अनथक योद्धा की है. संपादन, बाल साहित्य, उपन्यास, ...
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देखते-देखते प्रकाश मनु तिहत्तर वर्ष के हो गए. उनकी छवि साहित्य के अनथक योद्धा की है. संपादन, बाल साहित्य, उपन्यास, ...
आज प्यारे विष्णु खरे (9 फरवरी, 1940 - 19 सितंबर, 2018 जीवित रहते तो हम लोग उनका 82 वां जन्म ...
आज हिंदी के कुछ ही लेखक बचे हैं जिन्होंने ब्रिटिश भारत में आँखें खोली थीं- उनमें से एक है कवि-कथाकार ...
‘लोकगीतों के यायावर’ देवेन्द्र सत्यार्थी (28 मई, 1908-12 फरवरी, 2003) संपादक, कथाकार, आदि के साथ-साथ कवि भी थे, उनके कवि ...
प्रसिद्ध मार्क्सवादी आलोचक रामविलास शर्मा बाद में ऋग्वेद के अध्ययन की ओर उन्मुख हुए, इसे कई आलोचक विचलन की तरह ...
कन्हैयालाल नंदन (१ जुलाई,१९३३ - २५ सितम्बर,२०१०) अपने समय की कई महत्वपूर्ण पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े हुए थे. धर्मयुग के सहायक ...
ब्रजेश कृष्ण प्राचीन इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व के अध्येता, विद्वान हैं और हिंदी के कवि भी. अपने इस आलेख को ...
नामवर सिंह जीते जी विवादों के केंद्र में रहे, ये विवाद अधिकतर वैचारिक होते थे और उनके लिखे-बोले पर आधारित ...
लेखक-संपादक प्रकाश मनु देवेंद्र सत्यार्थी के शब्द और कर्म के साक्षी रहें हैं. उनका यह संस्मरण यहाँ प्रस्तुत है. साथ ही ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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