पंकज सिंह: सर ये नहीं झुकाने के लिए: रविभूषण
वर्ष के अंत में अपने प्रिय कवियों में से एक पंकज सिंह पर आलोचक रविभूषण का यह आलेख: संस्मरण, आत्मवृत्तांत ...
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वर्ष के अंत में अपने प्रिय कवियों में से एक पंकज सिंह पर आलोचक रविभूषण का यह आलेख: संस्मरण, आत्मवृत्तांत ...
ग्रामीण जीवन के राग-विराग को सुनना हो तो संस्मरणों को पढ़ना चाहिए. वरिष्ठ लेखक सत्यदेव त्रिपाठी की पुस्तक ‘मूक मुखर ...
आज हिंदी के कुछ ही लेखक बचे हैं जिन्होंने ब्रिटिश भारत में आँखें खोली थीं- उनमें से एक है कवि-कथाकार ...
नवीन सागर (29 नवम्बर, 1948-14 अप्रैल, 2000) की रचनात्मक दुनिया में कविताएँ, कहानियां, बाल साहित्य और चित्र आदि शामिल हैं. ...
कुछ लेखक अधूरे प्रेम की तरह होते हैं, लौट-लौट कर आते हैं. आकर्षण की तीव्रता मंद नहीं पड़ती. ऐसे ही ...
अपराधियों के माथे पर दाग़ लगाकर मुगल काल में उन्हें ‘दाग़े-ए-शाही’ (हिमाचल प्रदेश) में सजा काटने के लिए भेज दिया ...
पल्लव ‘बनास जन’ के संपादक हैं, लेखक हैं, साहित्य के अनेक मोर्चों पर सक्रिय रहते हैं, प्यारे इंसान हैं. उदयपुर ...
हर अच्छे इंसान का एक घर होता है चाहे वह बे-घर ही क्यों न हो जहाँ से उसे अच्छे बने ...
जन्मतिथि संकेत है वहीं स्मृति का पृष्ठ भी, जहाँ पिछला सबकुछ लिखा होता है और आगत की उम्मीद का नया ...
लखनऊ की संस्कृति में रचे बसे और उसकी बुनावट के गहरे जानकार योगेश प्रवीन पर लिखते हुए संतोष अर्श ने ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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