तुम्हें याद है सिर्फ ख़ून का स्वाद: कुमार अम्बुज
अंग्रेजी के महानतम कवि-नाटककार शेक्सपीयर की कालजयी कृति ‘मैकबेथ’ में हमेशा से विश्व सिनेमा की रुचि रही है. पिछले वर्ष ...
अंग्रेजी के महानतम कवि-नाटककार शेक्सपीयर की कालजयी कृति ‘मैकबेथ’ में हमेशा से विश्व सिनेमा की रुचि रही है. पिछले वर्ष ...
नलिन विलोचन शर्मा की आलोचना-पद्धति ख़ासकर उनकी इतिहास-दृष्टि की चर्चा देखने को कम मिलती है. आलोचक गोपेश्वर सिंह ने इस ...
सदन झा इतिहास के अध्येता हैं, ‘देवनागरी जगत की दृश्य संस्कृति’ उनकी चर्चित पुस्तक है. प्रस्तुत गद्य-पद्य में स्मृति के ...
कृष्ण कल्पित का कविता संग्रह- ‘एक महादेश की गाथा: हिन्दनामा’ २०१९ में राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ था और तभी ...
लता मंगेशकर को स्वर्गीय कहने का मन नहीं करता, उनकी आवाज़ इस नश्वर संसार में अमर है. अपने गीतों में ...
किंशुक गुप्ता अंग्रेजी और हिंदी में लिखते हैं, उनकी कहानी ‘ओपन मैरिज’ शहरी मध्य वर्ग के बीच विवाह की बदलती ...
कवि, आलोचक, फ़िल्म मीमांसक, अनुवादक, पत्रकार विष्णु खरे (9 फरवरी 1940–19 सितम्बर 2018) की स्मृति में युवा लेखक प्रचण्ड प्रवीर ...
१९४३ के आस-पास लिखी गयी बांग्ला भाषा के प्रमुख कथाकार माणिक वंद्योपाध्याय की कहानी ‘विवेक’ प्रस्तुत है जिसका अनुवाद शिव ...
सच में सभ्यता का इतिहास साथ ही साथ बर्बरता का भी इतिहास है, जर्मनी के नाज़ी दौर में यहूदियों को ...
आज बसंत पंचमी है. धूप खिली है, जैसे बसंत का संदेश लेकर आयी हो. आज महत्वपूर्ण कवयित्री सविता सिंह का ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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