अन्विति: राजेन्द्र दानी
कथाकार राजेन्द्र दानी के दस कहानी संग्रह प्रकाशित हुए हैं, वर्षों से वह हिंदी की महत्वपूर्ण पत्रिका ‘पहल’ से जुड़े ...
कथाकार राजेन्द्र दानी के दस कहानी संग्रह प्रकाशित हुए हैं, वर्षों से वह हिंदी की महत्वपूर्ण पत्रिका ‘पहल’ से जुड़े ...
‘हठात् वृष्टि’ समालोचन पर अम्बर पाण्डेय की दसवीं कहानी है, केवल इन्हीं कहानियों के संकलन से उनका पहला कहानी-संग्रह तैयार ...
पत्रिकाएं छपतीं हैं, प्रकाशित सामग्री की चर्चा भी होती है पर सम्पूर्णता में पत्रिका की भूमिका को समझने के लिए ...
विज्ञान और वैज्ञानिक चेतना दोनों के प्रचार प्रसार की कितनी आवश्यकता भारत को है इसे बताने के आवश्यकता नहीं है. ...
यथास्थितिवाद और आधुनिकता का द्वंद्व मनुष्य जाति के सबसे पुराने और अब तक असमाप्त द्वन्द्वों में से एक है. इसे ...
मदन सोनी हिंदी के प्रमुख आलोचक और अनुवादक हैं. उनकी छह आलोचना पुस्तकें और विश्व प्रसिद्ध लेखकों की रचनाओं के ...
देवी प्रसाद मिश्र हिंदी के विरल और विशिष्ट कवि हैं. कवि-कर्म के प्रति अंतिम सीमा तक प्रतिबद्ध हैं. उनकी कविताओं ...
हंसा दीप हिंदी की कथाकार हैं, कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में लगभग 17 वर्षों से हिंदी पढ़ा रहीं हैं. उन्होंने ...
गिरमिटियों पर आधारित ‘कुली लाइन्स’ से चर्चित प्रवीण कुमार झा की ‘रूस, रशिया और रासपूतिन’ पुस्तक इसी वर्ष वाणी से ...
ब्रिटिश सरकार ने 1871 में ‘Criminal Tribes Act’ लागू किया था जिसके अंतर्गत लगभग डेढ़ सौ जनजातियों (190 के करीब ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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