शब्दों की अनुपस्थिति में: शम्पा शाह
प्रसिद्ध शिल्पकार शम्पा शाह साहित्य से गहरे आबद्ध हैं. आदिवासी कला आदि पर उनका लिखा महत्व का है. गगन गिल ...
प्रसिद्ध शिल्पकार शम्पा शाह साहित्य से गहरे आबद्ध हैं. आदिवासी कला आदि पर उनका लिखा महत्व का है. गगन गिल ...
कवि त्रिलोचन की मानें तो- ‘ग़ालिब गैर नहीं हैं, अपनों से अपने हैं.’ हिंदी को भले ही उर्दू से परहेज़ ...
आज प्यारे विष्णु खरे (9 फरवरी, 1940 - 19 सितंबर, 2018 जीवित रहते तो हम लोग उनका 82 वां जन्म ...
प्रख्यात लेखिका, दार्शनिक, नाट्य और फ़िल्म निर्देशक सूसन सौन्टैग (16 जनवरी, 1933 – दिसम्बर 28, 2004) अपने समय की प्रसिद्ध ...
रहीम (17 दिसम्बर, 1556 - 1 अक्तूबर, 1627) मध्यकाल के दुर्लभ सांसारिक कवि हैं, इस अर्थ में आधुनिक भी. उनकी ...
सन्तोष अर्श समकालीन हिंदी कविता पर गम्भीरता से लिखते हैं, युवा कवियों के क्रम में सपना भट्ट की कविताओं पर ...
हिमालय का क्षेत्र पहाड़ों के लिए ही नहीं जंगलों के लिए भी जाना जाता है, जंगल और उसके वृक्ष जहाँ ...
अमीर ख़ुसरो साहित्य (हिंदी, उर्दू, फ़ारसी) और इतिहास दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनके व्यक्तित्व और महत्व पर माधव हाड़ा ...
लगभग चार दशकों से कवि-कर्म में संलग्न रुस्तम के सात कविता संग्रह प्रकाशित हैं. प्रचलित राजनीतिक मुहावरों से अलग सम्पूर्ण ...
भारतीय साहित्य विशेष रूप से उपन्यासों के लिए साल 2022 कामयाब रहा, हिंदी के उपन्यास ‘रेत-समाधि’ के अनुवाद को जहाँ ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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