ढाई दिन का नोटिस : सुमीता ओझा
अनीति देख कविता शाप भी देती है, यह शब्दों की ताकत है, यह भाषा की अर्जित शक्ति है. असहमति और ...
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अनीति देख कविता शाप भी देती है, यह शब्दों की ताकत है, यह भाषा की अर्जित शक्ति है. असहमति और ...
कल्लोल चक्रवर्ती की प्रस्तुत कविताएँ असहमति की कविताएँ हैं. बदरंग और विरूप वर्तमान का यह पाठ गहरे तक विचलित करता ...
आई. आई. टी. मुंबई से उच्च शिक्षा प्राप्त रवीन्द्र रुक्मिणी पंढरीनाथ की भ्रूण-हत्या के ख़िलाफ़ कानून बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका ...
झारखण्ड के युवा कवि राही डूमरचीर की कुछ कविताएँ लगभग साल वर्ष पहले समालोचन पर प्रकाशित हुईं थीं और उन्होंने ...
युवा आमिर हमज़ा की काव्य-संभावनाएं उनकी पिछली कविताओं में मुखर थीं, इस लम्बी कविता में उनका सामर्थ्य देखा जा सकता ...
सविता सिंह की प्रस्तुत कविताएँ उनकी काव्य-यात्रा के अगले पड़ाव को सूचित करती हैं. इन कविताओं की स्त्री स्वतंत्र इकाई ...
मनुष्य की मूल प्रवृत्तियों ने भाषा के सौन्दर्य के साथ मिलकर कविता में जो घटित किया, उसकी खुशबु कभी नहीं ...
अपने पहले कविता संग्रह ‘घर एक नामुमकिन जगह है’ के लिए भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार, २०२२ से सम्मानित सौम्य मालवीय की ...
साहित्य में ऐसे कुछ रचनाकार हैं, जिन्हें पढ़कर कहना पड़ता है कि उन्हें नियमित लिखते रहना चाहिए. अपर्णा मनोज ने ...
वन में व्याघ्र की उपस्थिति की दहाड़ मिथकों में भी सुनाई पड़ती है. वह लोक में विचरण करता है. कथाओं ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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