गांधी जी और उनकी सांपदानी: बोधिसत्व
कवि बोधिसत्व की इस कविता में गांधी जी से जो सवाल पूछे गये हैं, अगर आज वह होते तो जैसी ...
कवि बोधिसत्व की इस कविता में गांधी जी से जो सवाल पूछे गये हैं, अगर आज वह होते तो जैसी ...
असमति के इस दूसरे अंक में विनोद दास, लीलाधर मंडलोई, नवल शुक्ल, सविता सिंह, पवन करण, प्रभात, केशव तिवारी, प्रभात ...
हिंदी फिल्मों में अभिनेता और निर्देशक दोनों भूमिकाओं में देव आनंद (26/9/1923– 3/12/2011) चर्चित रहे. अपने अंदाज़ और तेवर से ...
महानगरों से हटकर कस्बों और छोटे शहरों में भी स्थानीय लेखकों और नवांकुरों की साहित्यिक सरगर्मियों से आबाद साहित्य के ...
अभियोग को सवाल की तरह पूछते रहना चाहिए. ख़ुद से भी. यह दुनिया असंख्य प्रश्न चिह्नों के सिवा है क्या? ...
कुँवर नारायण प्रार्थना के कवि हैं. दैनंदिन के अवरोधों से मुठभेड़ के लिए आवश्यक जीवन-विवेक और साहस के कवि. ये ...
कारागार में मृत्यु-दंड की रात कैसी होती होगी? तीन राजनीतिक कैदी मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहें हैं, उनमें एक कमसिन ...
उस्मान ख़ान की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र के अनुसार, “ उस्मान की कविता में भारतीय ...
संभावनाशील चाहत अन्वी की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. इनपर एक टिप्पणी कवि अनुज लुगुन ने लिखी है.
कलाओं के सामाजिक दृष्टिकोण को समझना उसके अर्थ का ही विस्तार है. कई महत्वपूर्ण फिल्मों के समाजशात्रीय अध्ययन हुए हैं. ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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