बुद्धचरित : एक महाकाव्य के खोने-पाने का क़िस्सा : चंद्रभूषण
लगभग पचास ईसवी पूर्व के महान कवि अश्वघोष की कृति ‘बुद्धचरित’ के महत्व से आज विश्व सुपरिचित है. दुर्भाग्य से ...
लगभग पचास ईसवी पूर्व के महान कवि अश्वघोष की कृति ‘बुद्धचरित’ के महत्व से आज विश्व सुपरिचित है. दुर्भाग्य से ...
‘2024 : इस साल किताबें’ का यह तीसरा हिस्सा है. इसके पहले हिस्से में आपने महत्वपूर्ण रचनाकारों मृदुला गर्ग, हरीश ...
साल समाप्ति पर है. लेखकों की दुनिया किताबों की दुनिया है. पाठक अपने प्रिय लेखकों को पढ़ते हैं और लेखक ...
पुरानी पोथियों की तलाश, मिलान और पाठ-निर्धारण की प्रक्रिया में हिंदी में पाठालोचन (Textual criticism) की शुरुआत हुई थी पर ...
भिन्न भाषाओं के उपन्यासों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए दोनों की संस्कृति, समाज और राजनीति से अद्यतन होना आवश्यक होता ...
इतिहास में कुछ जगहें ऐसी होती हैं जहाँ वर्तमान बार-बार जाता है. नालंदा ऐसी ही जगहों में से है. क्या ...
यह वाल्मीकि रामायण के समानांतर पारायण का दूसरा और अंतिम हिस्सा है. इसकी विश्लेषणपरक तार्किकता ने महाकाव्यों को वस्तुपरक ढंग ...
यह भारतीय साहित्य और प्रकारांतर से समाज में व्यवस्था और न्याय की तलाश है. चंद्रभूषण अध्ययन, मनन और खुली दृष्टि ...
कहते हैं जब अरस्तु से पूछा गया कि आपका प्रिय कौन है. अरस्तु ने कहा- ‘प्लेटो, पर सत्य गुरु से ...
हमारे जीवन में तकनीक अब नियंता की भूमिका में है. वह हमारा भविष्य निर्धारित कर रही है. कृत्रिम मेधा और ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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