योनि-सत्ता संवाद : संजय कुंदन
28 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय भाषा सिंह वेब पोर्टल 'न्यूज़क्लिक' से जुड़ी हैं, और उनका अपना ‘बेबाक भाषा’ नामक यूट्यूब चैनल भी है. ‘अदृश्य भारत’ और ‘शाहीन बाग़ –...
28 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय भाषा सिंह वेब पोर्टल 'न्यूज़क्लिक' से जुड़ी हैं, और उनका अपना ‘बेबाक भाषा’ नामक यूट्यूब चैनल भी है. ‘अदृश्य भारत’ और ‘शाहीन बाग़ –...
भारत के स्वतंत्रता संग्राम ने पूरे विश्व को यह विश्वास दिला दिया था कि यह केवल एक राजनीतिक संघर्ष नहीं, बल्कि एक सामाजिक और नैतिक लड़ाई भी है. इसमें संकीर्णता...
69 वर्षीय अमिताभ का पहला और एकमात्र कविता-संग्रह ‘समस्तीपुर और अन्य कविताएँ’ 2023 में प्रकाशित हुआ और इसे इसी वर्ष मंगलेश सम्मान से सम्मानित किया गया. यह संग्रह कथ्य और...
संस्कृत और भारतीय अध्ययन के विश्वप्रसिद्ध विद्वान शेल्डन पोलक के निर्देशन में एलिसन बुश (1969-2019) का शोधकार्य ‘पोएट्री ऑफ किंग्स: द क्लासिकल हिंदी लिटरेचर ऑफ मुगल इंडिया’ वर्ष 2011 में...
संस्कृति, दर्शन, इतिहास, आधुनिकता, लोकतंत्र, वैज्ञानिक चेतना, सामाजिक न्याय और फासिज़्म जैसे विषयों पर आज हिंदी में सहज, प्रमाणिक और खुले मन से लिखी गई पुस्तकों की अत्यंत आवश्यकता है....
'तमस' उपन्यास के मराठी अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित मराठी तथा हिन्दी के वरिष्ठ लेखक चंद्रकांत पाटिल (1943, महाराष्ट्र) की पुस्तक ‘स्मृतियों की रोशनी’ की...
लेखक-आलोचक गरिमा श्रीवास्तव के स्त्री-आत्मकथाओं पर प्रकाशित आलेखों ने इधर ध्यान खींचा है. इनमें दलित, मुस्लिम स्त्रियाँ हैं. हिंदी, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बांग्ला आदि भाषाओं में लिखी स्त्री-आत्मकथाएँ हैं. गहन...
‘पश्चिम और सिनेमा’, ‘शेल्फ़ में फ़रिश्ते’, ‘नींद कम ख़्वाब ज्यादा’ के लेखक दिनेश श्रीनेत की कहानियों का पहला संग्रह ‘विज्ञापन वाली लड़की’ भावना प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है....
आकाश सिंह राठौर, मृदुला मुखर्जी, सैयदा हमीद, और पुष्पराज देशपांडे के संपादन में ‘भारत एक पुनर्विचार’ श्रृंखला के अंतर्गत प्रकाशित ‘The Shudra: Vision for a new path’ का हिंदी अनुवाद...
भारतीय अंग्रेजी लेखकों में दिलीप चित्रे (1938-2009) का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है. उन्होंने मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा है. संत तुकाराम की कविताओं का उनका...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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