बातचीत

कृष्ण बलदेव वैद से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत

कृष्ण बलदेव वैद से आशुतोष भारद्वाज की बातचीत

हिंदी कथा संसार में एक बहुमूल्य त्रिगुट है- निर्मल वर्मा, कृष्णा सोबती और कृष्ण बलदेव वैद. ये तीनों हस्तियाँ आपस में मित्र भी रहीं हैं. कृष्ण बलदेव वैद का लेखन...

विष्णु खरे से व्योमेश शुक्ल की बातचीत

विष्णु खरे से व्योमेश शुक्ल की बातचीत

विष्णु खरे से व्योमेश शुक्ल की यह बातचीत मुक्तिबोध पश्चात हिंदी के दो महत्वपूर्ण कवियों रघुवीर सहाय और श्रीकांत वर्मा पर  केन्द्रित है. कविता की जैसी प्रकृति है वह कुछ...

कोई चीज़ लाओ जिसको कोई न जानता हो : महेश वर्मा से मोनिका कुमार का संवाद

कोई चीज़ लाओ जिसको कोई न जानता हो : महेश वर्मा से मोनिका कुमार का संवाद

महेश वर्मा और मोनिका कुमार दोनों समकालीन महत्वपूर्ण कवि हैं. महेश वर्मा की कविताओं पर मोनिका कुमार ने यह जो संवाद संभव किया है वह इसलिए भी रेखांकित करने योग्य...

रामकुमार के साथ पीयूष दईया का संवाद

रामकुमार के साथ पीयूष दईया का संवाद

नामचीन चित्रकार रामकुमार से कलाकर्मी पीयूष दईया का यह संवाद अद्भुत है. इसमें कुछ प्रश्नों के उत्तर भर जान लेने की हड़बड़ी नहीं है, बल्कि साथ-साथ कला के मर्म और...

विनोद कुमार शुक्ल से पीयूष दईया का संवाद

विनोद कुमार शुक्ल से पीयूष दईया का संवाद

वैसे तो उपन्यासों पर आधारित फिल्में बनती रहती हैं, पर विनोद कुमार शुक्ल के उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ पर फ़िल्म मणि कौल बनाये तो यह खास  बात है,  साहित्य और...

मैं कहता आँखिन देखी : एलिस मुनरो

मैं कहता आँखिन देखी : एलिस मुनरो

कनाडा की रहने वाली कथा लेखिका एलिस मुनरो (जन्म:१९३१) को २०१३ के साहित्य का नोबल पुरस्कार दिया गया है. उन्हें २००९ का  Man Booker International Prize भी प्राप्त है. उन्हें...

मैं कहता आँखिन देखी: अनामिका

मैं कहता आँखिन देखी: अनामिका

कवयित्री, कथाकार और स्त्री-विमर्शकार अनामिका से अपर्णा मनोज ने उनके लेखन-कर्म, रचना-प्रक्रिया और सरोकारों पर यह संवाद पूरा किया है. अनामिका के पास सृजन और समझ का  विस्तृत फलक है....

तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी की बातचीत

तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी की बातचीत

कथाकार तेजेन्द्र शर्मा से कालु लाल कुलमी ने यह दिलचस्प बातचीत की है. बातचीत का दायरा बड़ा है. डायस्पोरा साहित्य से लेकर भारत की वर्तमान स्थिति तक. कई बहसतलब बातें...

रोहिणी हट्टंगड़ी से सुशील कृष्ण गोरे की बातचीत

रोहिणी फ़िल्म और टेलिविज़न के साथ की थियेटर की भी प्रबुद्ध कलाकार हैं. अर्थ, सारांश और गाँधी जैसी फिल्मों में उनका अविस्मरणीय अभिनय है. सुशील कृष्ण गोरे ने विस्तृत फलक...

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