नौटंकी की लोक परम्परा और अतुल यदुवंशी का रंगकर्म: सत्यदेव त्रिपाठी
शास्त्र के निर्मित हो जाने पर प्रयोग की परम्परा को उससे जोड़ कर अक्सर देखा जाता है. भरतमुनि के नाट्यशास्त्र ...
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शास्त्र के निर्मित हो जाने पर प्रयोग की परम्परा को उससे जोड़ कर अक्सर देखा जाता है. भरतमुनि के नाट्यशास्त्र ...
अरुण कमल, नंदकिशोर आचार्य एवं गगन गिल के निर्णायक मंडल ने कृष्ण कल्पित को उनके कविता-संग्रह 'हिंदनामा’ के लिए प्रथम ...
‘उत्सव का पुष्प नहीं हूँ’ अनुराधा सिंह का दूसरा कविता संग्रह है जिसे वाणी ने प्रकाशित किया है. वरिष्ठ लेखिका ...
वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की पुस्तक ‘संग साथ’ के कुछ संस्मरण पत्रिकाओं में प्रकाशित होकर चर्चा के विषय रहें हैं. ...
चंद्रभूषण का लिखा ‘पच्छूँ का घर’ उस कार्यकर्ता की कहानी है जिसने जनसंघर्षों का वह दौर देखा है जिसमें वैचारिकता, ...
इधर हिंदी में विषय केन्द्रित कई कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं जिनमें विनय कुमार की ‘यक्षिणी’ चर्चित रही है. उनका ...
रंगकर्मी, अभिनेता, गीतकार आदि पीयूष मिश्रा की आत्मकथा ‘तुम्हारी औक़ात क्या है पीयूष मिश्रा’ शीर्षक से राजकमल से अभी-अभी प्रकाशित ...
आधुनिक भारत के निर्णायक व्यक्तित्व गांधी और सौंदर्य, प्रतिभा तथा चेतना की प्रतिमूर्ति सरलादेवी चौधरानी के बीच विचलित कर देने ...
‘आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा’, स्त्रीवादी लेखिका और आलोचक गरिमा श्रीवास्तव का पहला उपन्यास है. 2018 में प्रकाशित क्रोएशिया प्रवास की ...
फ़रीद ख़ाँ मुंबई में टीवी और फ़िल्मों के लिए पटकथा लिखते हैं. हिंदी के कवि हैं. अभी उनकी पुस्तक आई ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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