रतन थियाम का ऋतुसंहार: के. मंजरी श्रीवास्तव
अपने प्रिय साहित्यकारों को उनके जन्म दिन के बहाने याद करने का जतन हम सब करते ही हैं. आज मणिपुरी ...
अपने प्रिय साहित्यकारों को उनके जन्म दिन के बहाने याद करने का जतन हम सब करते ही हैं. आज मणिपुरी ...
अमीर ख़ुसरो साहित्य (हिंदी, उर्दू, फ़ारसी) और इतिहास दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनके व्यक्तित्व और महत्व पर माधव हाड़ा ...
कबीर संजय ने कथाकार के रूप में इधर अपनी पहचान बनाई है, उनकी लम्बी कहानी ‘निम्फोमैनियाक: एक बयान’ इसे और ...
लगभग चार दशकों से कवि-कर्म में संलग्न रुस्तम के सात कविता संग्रह प्रकाशित हैं. प्रचलित राजनीतिक मुहावरों से अलग सम्पूर्ण ...
राकेश मिश्र की इन नयी कविताओं में जीवन का वह पक्ष संवेदित हुआ है, जिस पर लिखना आसान नहीं. मृत्यु ...
भारतीय साहित्य विशेष रूप से उपन्यासों के लिए साल 2022 कामयाब रहा, हिंदी के उपन्यास ‘रेत-समाधि’ के अनुवाद को जहाँ ...
धीरेन्द्र अस्थाना ने यह साक्षात्कार 2001 में मुंबई के एक स्थानीय समाचार पत्र के लिए लिया था जो 23 फरवरी, ...
वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया पर केन्द्रित अखिलेश का यह संस्मरण उनके कथा साहित्य का आकलन भी साथ-साथ करता चलता है. ...
वर्ष 2023 की शुरुआत करते हुए प्रस्तुत है नेहा नरूका की नयी कविताएँ. क्या साहसिक कविताएँ हैं ? बहुत प्रभावशाली. ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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