अविनाश मिश्र की कविताएँ
कविताओं के कथ्य और शिल्प में जब बदलाव सामूहिकता में लक्षित हों तब उसे नये नाम से पुकारने की जरूरत ...
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कविताओं के कथ्य और शिल्प में जब बदलाव सामूहिकता में लक्षित हों तब उसे नये नाम से पुकारने की जरूरत ...
नेहल शाह, फ़िजिओथेरेपिस्ट हैं, भोपाल में रहती हैं. कविताएँ लिखतीं हैं और कला के क्षेत्र में रुचि रखती हैं. उनकी ...
किसी भी पत्रिका के लिए किसी युवा को प्रस्तुत करना ख़ास ख़ुशी का अवसर होता है. सहृदय समाज के समक्ष ...
‘प्रेम जितना करुणामय रहा/प्रेमी उतना ही निर्मम’. ‘नो नेशन फ़ॉर वुमन’ की लेखिका और बीबीसी की पत्रकार प्रियंका दुबे की ...
सपना भट्ट की इन कविताओं में एकांत, प्रतीक्षा और स्मृति की छवियां हैं, इनमें गहराई और तीव्रता है. वेदना और ...
अम्बर पाण्डेय अपने लेखन में लगातार प्रयोग करने वाले अन्वेषी कवि-कथाकार हैं. प्रदत्त में बदलाव करते हुए नया अर्जित करते ...
किसी युवा कवि से जिस रचाव और ताज़गी की आप उम्मीद करते हैं वह सब सुमित त्रिपाठी के पास है, ...
अनुराधा सिंह ने अपने वक्तव्य में लिखा है कि कवियों को ग़ैर ज़रूरी होना आना चाहिए. कविता भी जिसे हमें ...
अविनाश मिश्र जीवन की यातना के कवि हैं, कभी कामू ने कहा था कि आधुनिक मनुष्य सीसिफ़स की तरह शापग्रस्त ...
महेश वर्मा का पहला कविता संग्रह ‘धूल की जगह’ इसी वर्ष राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. २१ वीं सदी की ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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