कथा

मणिपुर: एक प्रेम कथा: रीतामणि वैश्य

मणिपुर: एक प्रेम कथा: रीतामणि वैश्य

मणिपुर में मैतै और कुकी समुदाय के बीच अभी जो जातीय हिंसा हुई है, उसमें रिश्ते भी लहूलुहान हुए हैं. जो प्रत्यक्ष है उसकी ख़बर बनती है पर जो दिल...

दाई माँ:  ज्ञान चन्द बागड़ी

दाई माँ: ज्ञान चन्द बागड़ी

एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के सुगम होने से पूर्व प्रसव सहायिका (दाई) की कुशलता और ज्ञान के महत्व को समझते हुए भी उन्हें स्वीकार्यता नहीं मिली न सम्मान ही, जबकि दीगर...

सेनुर: सुनीता मंजू

सेनुर: सुनीता मंजू

लोक देवताओं पर शोध करने वाली एक छात्रा जब अपने घर की एक अनूठी प्रथा की जड़ों की तलाश करने निकलती है तो उसे एक ऐसी कथा मिलती है जिसमें...

कहानी एक मुहब्बत की: ख़ुर्शीद अकरम

कहानी एक मुहब्बत की: ख़ुर्शीद अकरम

ख़ुर्शीद अकरम उर्दू के प्रसिद्ध लेखक हैं. उनकी यह कहानी इंसानों के बीच घटित होती है, फिर जानवरों में चली जाती है. ख़ुर्शीद अकरम ने बड़े कौशल से कहानी को...

नागफनी में फूल: अमन सोनी

नागफनी में फूल: अमन सोनी

भाषा में जब हत्याएँ भर जाती हैं, उसका फूल मुरझा जाता है, उसमें कांटे उग आते हैं. इसका असर फूल जैसे कोमल मन पर आघात की तरह होता है. इस...

तितलियों की तलाश में: किंशुक गुप्ता

तितलियों की तलाश में: किंशुक गुप्ता

समालोचन पर किंशुक गुप्ता की यह तीसरी कहानी है, उनकी कहानियाँ हिंदी और अंग्रेजी की अन्य पत्रिकाओं में भी इधर छपीं और प्रशंसित हुईं हैं. आगामी पुस्तक मेले में उनका...

टर्मिनल-1: राहुल श्रीवास्तव

टर्मिनल-1: राहुल श्रीवास्तव

राहुल श्रीवास्तव तिग्मांशु धूलिया की कई फिल्मों के संपादक रहे हैं, सैकड़ों की संख्या में विज्ञापन फिल्में (कमर्शियल) बना चुके हैं. पिछले दिनों उनके द्वारा निर्देशित लघु फिल्म ‘इतवार’ चर्चा...

निम्फोमैनियाक: एक बयान: कबीर संजय

निम्फोमैनियाक: एक बयान: कबीर संजय

कबीर संजय ने कथाकार के रूप में इधर अपनी पहचान बनाई है, उनकी लम्बी कहानी ‘निम्फोमैनियाक: एक बयान’ इसे और पुख़्ता करती है. यह कहानी अंत तक आते-आते निम्फोमैनियाक की...

दवातदार ताजुल मलिक और इल्तुतमिश का आख़िरी फ़रमान: तरुण भटनागर

दवातदार ताजुल मलिक और इल्तुतमिश का आख़िरी फ़रमान: तरुण भटनागर

कथाकार तरुण भटनागर इतिहास में गहन रुचि रखते हैं, इधर वह मध्यकालीन गुलाम वंश पर आधारित अपने महत्वाकांक्षी उपन्यास ‘शिकारगाह’ पर कार्य कर रहें हैं. इतिहास को आख्यान बनाने की...

आउशवित्ज़ एक प्रेमकथा: गरिमा श्रीवास्तव

आउशवित्ज़ एक प्रेमकथा: गरिमा श्रीवास्तव

राजनीति जब नफ़रत में सन जाती है तब हिटलर पैदा होता है, आउशवित्ज़ घटित होते हैं जहाँ मनुष्यता अपने निम्न स्तर पर गिर जाती है. गरिमा श्रीवास्तव गम्भीर अध्येता हैं,...

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