अरुण कोलटकर की कविताएँ
मराठी और अंग्रेजी में लिखने वाले द्विभाषी कवि अरुण कोलटकर कबीर के साथ एकमात्र ऐसे आधुनिक भारतीय कवि हैं जिन्हें ‘न्यूयॉर्क रिव्यू ऑफ बुक्स’ के ‘वर्ल्ड क्लासिक्स’ में शामिल किया...
मराठी और अंग्रेजी में लिखने वाले द्विभाषी कवि अरुण कोलटकर कबीर के साथ एकमात्र ऐसे आधुनिक भारतीय कवि हैं जिन्हें ‘न्यूयॉर्क रिव्यू ऑफ बुक्स’ के ‘वर्ल्ड क्लासिक्स’ में शामिल किया...
अंचित समर्थ कवि के साथ-साथ सक्षम अनुवादक भी हैं. पाब्लो नेरुदा की इन कविताओं में पाब्लो के साथ अंचित का काव्य-व्यक्तित्व भी समाया हुआ है. पाब्लो की कविताएँ संसार की...
मशहूर अंग्रेजी उपन्यासकार डी. एच. लॉरेंस (1885–1930) की कहानी 'द रॉकिंग हॉर्स विनर' १९२६ में प्रकाशित हुई और इसी शीर्षक से इसपर 1949 में फ़िल्म भी बनी. उस समय अपने...
आशुतोष भारद्वाज इन दिनों प्राग के काफ़्का हाउस में राइटर-इन-रेजिडेंस हैं. काफ़्का को बेहतर ढंग से समझने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है? और इसका परिणाम है...
प्रसिद्ध हंगेरियन कवि-लेखक इस्तवान तुर्ज़ी के पच्चीस कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. हिंदी में पहली बार उनकी कविताएँ अनूदित हो रहीं हैं. अनुवाद चित्रकार और लेखिका संगीता गुप्ता ने...
हिंदी में पुस्तकों के महत्व पर लेख मिलते हैं पुस्तकालयों की भूमिका पर लगभग नहीं. हिंदी क्षेत्र में पुस्तकालयों को खोलने के जनांदोलन का अभाव भी इसका बड़ा कारण है...
हसन रूबायत बांग्लादेश के समकालीन चर्चित युवा कवि हैं. उनके आठ कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. कवि-अनुवादक अजीत दाश भी बांग्लादेश से हैं. पड़ोसी देश के साहित्यकार भी समालोचन...
अर्जेंटीना के जूलियो कोर्टाज़ार (1914-1984) ‘लैटिन अमेरिकी साहित्य आन्दोलन’ के मुख्य लेखकों में से एक थे और कहानी में नवाचार को लेकर विख्यात भी. उनकी कहानी ‘La Noche Boca Arriba’...
मार्खेज़ की कहानियों के हिंदी अनुवादों की यह बारहवीं क़िस्त है, अधिकतर अनुवाद सुशांत सुप्रिय ने किए हैं जो ख़ुद कवि-कथाकार हैं, उनका संग्रह ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ भावना प्रकाशन से इसी...
अर्नेस्ट हेमिंग्वे ने कहानी के सन्दर्भ में ‘आइसबर्ग तकनीक’ का ज़िक्र करते हुए कहा था कि उसका आठवां हिस्सा ही नुमाया होना चाहिए, कहानी का बड़ा हिस्सा पाठकों को ख़ुद...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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