गौरव गुप्ता की कविताएँ
फ़ैज़ ने अपने एक शेर में कहा है कि ‘जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले’. प्रेम का बदलाव से, ...
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फ़ैज़ ने अपने एक शेर में कहा है कि ‘जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले’. प्रेम का बदलाव से, ...
‘जय हो’ गीत के लिये ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त और दादा साहब फाल्के आदि सम्मानों से सम्मानित हिंदी, उर्दू और पंजाबी ...
कवि अपनी प्रेयसियों पर कविताएँ लिखते रहें हैं. प्रिय कवियों पर भी कविताएँ लिखीं गयीं हैं. ज्योति शोभा ने पांच ...
"कभी कभी आत्मा में धँसी सिर्फ़ एक पंक्ति कहने को/लिखता हूँ पूरी कविता " जैसे बीज में वृक्ष रहता है. ...
मूर्तिकार अपने शिल्प में डूबा हुआ ख़ुद में डूब जाता है. रचनात्मकता भी अध्यात्म है. सृजनात्मक लोगों को अलग से ...
क्रिकेट भारत का लोकप्रिय खेल है, कुछ कवि भी खेलते होंगे, देखते तो होंगे ही. क्रिकेट पर हिंदी में कविताएँ ...
आशुतोष दुबे की कविताओं में शिल्प का सौष्ठव और कहन की बारीकी देखते बनती है. उनका पाँचवाँ कविता संग्रह ‘सिर्फ़ ...
हेमंत देवलेकर बहुमुखी व्यक्तित्व रखते हैं. अभिनय, संगीत, नाट्य लेखन, रंग-कर्म, कविताएँ आदि उनके क्षेत्र हैं. युवा रचनाकारों की अचूक ...
हिंदी और मराठी का गहरा नाता है एक तो दोनों की लिपि देवनागरी है, फिर प्रारम्भिक खड़ी बोली हिंदी ने ...
पृथ्वी से सूर्य की दूरी पर इस धरा का अस्तित्व निर्भर है. दूरी बढ़ी तो जीवन बर्फ़ और घटी तो ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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